इलेक्ट्रिक कार हो या सुपरकार, हर जगह पर देसी तकनीक आगे
मारूति 800 (Maruti 800)
इस कार का नाम पहले पायदान पर देखकर आप समझ ही गए होंगे कि हम किस बारे में बात कर रहे हैं। देश के आजाद होने के बाद कारों के नाम पर यहां एक ही कार सबसे पाॅपुलर थी। वह थी जनरल मोटर्स की एंबेसडर, जो काफी भारी भरकम कार थी। 80 के दशक तक देश में इसी अमेरिकी कार का बोलबाला रहा। 1983 में स्वदेसी कंपनी मारूति ने जापानी कंपनी सुजु़की के ज्याॅइंट वेंचर में मारूति 800 को देश में उतारा। यह देश की अब तक की सबसे पाॅपुलर और छोटी कार थी। इस कंपनी में मारूति और सरकार की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत से ज्यादा थी। पाॅपुलर्टी इतनी हुई कि इस कार ने जनरल मोटर्स का नाम ही देश में बंद कर दिया। रूतबा ऐसा था कि जनरल मोटर्स 1998 में शेवरले के नाम से वापस आई।
इस कार ने देश में 30 साल का लंबा सफर तय किया। इस दौरान 2.7 मिलियन कारें बिकीं। साल 2014 में प्रतियोगिता में पिछड़ने की वजह से इसका प्रोडक्शन बंद कर दिया गया। आज भी इस कार की बिक्री का रिकाॅर्ड कोई भी कंपनी या कोई भी कार तोड़ नहीं पाई है।