पहली छमाही में वाहनों की खुदरा बिक्री 6.5 प्रतिशत बढ़ी, ग्रामीण मांग बढ़ने की उम्मीद
नई दिल्ली । देश में वाहनों की खुदरा बिक्री सितंबर में कमजोर रहने के
बावजूद मौजूदा वित्त वर्ष के पहले छह महीने में इसमें 6.55 प्रतिशत की
वृद्धि दर्ज की गई है। मजबूत ग्रामीण मांग के कारण यह संभव हो सका है।
फेडरेशन
ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) ने सोमवार को जारी रिपोर्ट में कहा
कि इस साल सितंबर में वाहनों की ओवरऑल बिक्री पिछले साल के समान महीने की
तुलना में 9.26 फीसदी कम रही। सितंबर 2023 में देश में 18,99,192 वाहन बिके
थे जबकि सितंबर 2024 में यह संख्या 17,23,330 इकाई रही। इसमें यात्री
वाहनों में 18.81 फीसदी, वाणिज्यिक वाहनों में 10.45 फीसदी और दोपहिया
वाहनों में 8.51 फीसदी की गिरावट शामिल है।
अप्रैल-सितंबर की अवधि
में दोपहिया वाहनों की बिक्री में 9.08 प्रतिशत, तिपहिया में 7.58 प्रतिशत
और यात्री वाहनों (पीवी) में 1.07 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। हालांकि,
वाणिज्यिक वाहनों (सीवी) और ट्रैक्टरों की बिक्री में क्रमशः 0.65 प्रतिशत
और 8.82 प्रतिशत की गिरावट आई।
फाडा के अध्यक्ष सी.एस. विग्नेश्वर
के अनुसार, "पितृपक्ष ने बिक्री को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया, जिससे
विभिन्न श्रेणियों में खुदरा बिक्री में साल-दर-साल गिरावट आई"।
उन्होंने
कहा, "मांग बढ़ाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में छूट और ऑफर पेश किए गए
हैं, लेकिन इनसे बिक्री में अभी तक कोई सुधार नहीं हुआ है।"
मानसून
के दौरान सामान्य से आठ प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई, जिससे कई क्षेत्रों
में वाहनों की खुदरा बिक्री प्रभावित हुई। इसका मांग पर नकारात्मक प्रभाव
पड़ा।
फाडा के अनुसार, "ऑटोमोबाइल के खुदरा कारोबार के लिए निकट
भविष्य अच्छा है, क्योंकि नवरात्र और दिवाली दोनों एक ही महीने में पड़ते
हैं, जिससे वाहनों की बिक्री में तेजी की उम्मीद है।"
जलाशयों में
जलस्तर अच्छा रहने और फसल की पैदावार में सुधार होने से ग्रामीण मांग को
समर्थन मिलने के कारण, त्योहारी सीजन में दोपहिया, यात्री वाहनों, और
ट्रैक्टरों की बिक्री में वृद्धि होने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में
कहा गया है, "डीलरशिप पर गाड़ियों का अधिक स्टॉक होने के कारण यात्री वाहन
सेगमेंट एक गंभीर स्थिति का सामना कर रहा है। अगर अक्टूबर में बिक्री
उम्मीद के मुताबिक नहीं बढ़ती है तो डीलरों पर गोदामों में जमा हुए बिना
बिके स्टॉक से वित्तीय दबाव बढ़ जाएगा।"
हालांकि डीलर और ओईएम मजबूत
त्यौहारी बिक्री पर दांव लगा रहे हैं, खासकर ग्रामीण बाजारों में जहां
सकारात्मक नकदी प्रवाह और बेहतर कृषि परिस्थितियों से मांग में तेजी आने की
उम्मीद है, लेकिन परिणाम अनिश्चित बना हुआ है।
--आईएएनएस
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