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वोक्सवैगन कर्मचारियों की हड़ताल : फैक्ट्रियों और नौकरियों की सुरक्षा पर बड़ा टकराव

वोक्सवैगन कर्मचारियों की हड़ताल : फैक्ट्रियों और नौकरियों की सुरक्षा पर बड़ा टकराव

जर्मनी। वोक्सवैगन की नौ फैक्ट्रियों के कर्मचारियों ने सोमवार को काम बंद कर हड़ताल की, जिसमें उन्होंने अपनी नौकरियों की गारंटी और फैक्ट्रियों को बंद होने से बचाने की मांग की। यह प्रदर्शन कुछ घंटों तक चला, लेकिन श्रमिकों की यूनियन आईजी मेटल ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तो वे और लंबी हड़ताल की योजना बना रहे हैं। क्या है विवाद की वजह? : वोक्सवैगन, जो जर्मनी के सबसे बड़े ऑटोमोबाइल निर्माताओं में से एक है, ने हाल ही में 10% वेतन कटौती का प्रस्ताव रखा है और कंपनी की लाभप्रदता सुधारने के नाम पर कुछ फैक्ट्रियों को बंद करने की संभावना जताई है। यह कदम वोक्सवैगन के 87 साल के इतिहास में अभूतपूर्व है और इससे श्रमिकों में भारी असंतोष फैल गया है।
यूनियन आईजी मेटल का कहना है कि यह प्रस्ताव श्रमिकों के हितों के खिलाफ है और इससे हजारों नौकरियों पर खतरा मंडरा सकता है। यूनियन ने वोक्सवैगन से मांग की है कि वे नौकरियों की सुरक्षा सुनिश्चित करें और अपनी फैक्ट्रियों को बंद करने की योजना पर रोक लगाएं।
हड़ताल का प्रभाव : सोमवार को हुई हड़ताल में वोक्सवैगन के नौ मुख्य संयंत्रों के हजारों कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। इसके अलावा, अन्य सहायक कंपनियों के कर्मचारी भी, जो वोक्सवैगन के साथ वेतन समझौते के तहत आते हैं, इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने दो घंटे तक कामकाज पूरी तरह बंद रखा और प्रबंधन के खिलाफ आवाज उठाई।
यूनियन की चेतावनी : आईजी मेटल ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि वोक्सवैगन प्रबंधन उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देता है, तो वे लंबे समय तक चलने वाली हड़ताल करने को मजबूर होंगे। यूनियन ने इसे "खुली हड़ताल" का नाम दिया है, जिसमें श्रमिक अनिश्चितकाल तक काम बंद रख सकते हैं।
प्रबंधन का पक्ष : वोक्सवैगन का तर्क है कि कंपनी की लाभप्रदता बनाए रखने और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में टिके रहने के लिए लागत में कटौती करना जरूरी है। कंपनी का दावा है कि वर्तमान आर्थिक हालात और बाजार की चुनौतियों को देखते हुए, यह कदम अनिवार्य है। हालांकि, यूनियन इस दावे को खारिज करते हुए कह रही है कि इसका सीधा असर कर्मचारियों के भविष्य पर पड़ेगा।
वोक्सवैगन और आईजी मेटल के बीच वार्ता जारी है, लेकिन फिलहाल कोई ठोस समाधान नजर नहीं आ रहा है। यदि दोनों पक्षों के बीच जल्द समझौता नहीं होता, तो जर्मनी में वोक्सवैगन के उत्पादन और सप्लाई चेन पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
इस हड़ताल ने न केवल जर्मनी, बल्कि पूरी ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का ध्यान खींचा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या वोक्सवैगन और उसके कर्मचारी इस विवाद को सुलझा पाएंगे या यह मुद्दा और बड़ा रूप लेगा।
स्रोत : एनवायटी न्यूज

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