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भाविश अग्रवाल के नेतृत्व वाली ओला इलेक्ट्रिक के शेयर सोमवार को 90 रुपये के नीचे फिसल गया। शेयर में गिरावट की वजह सोशल मीडिया पर ओला इलेक्ट्रिक के स्कूटर्स को लेकर लगातार आ रही शिकायतें हैं।
भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री का देश की अर्थव्यवस्था की तेजी में एक महत्वपूर्ण भूमिका है।
इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बैटरियों का रिसायकल एक भू-राजनीतिक और जलवायु संबंधी अनिवार्यता है। सरकार के अनुसार, इस क्षेत्र में भारतीय और यूरोपीय स्टार्टअप नवाचार और व्यावसायिक सहयोग को बढ़ावा दे रहे हैं।
थार रॉक्स, महिंद्रा के लिए न केवल एक नए मॉडल के रूप में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह कॉम्पैक्ट एसयूवी बाजार में भी कंपनी के प्रवेश का प्रतीक है, जहाँ वर्तमान में हुंडई क्रेटा जैसे वाहन हावी हैं। महिंद्रा इस मॉडल की सफलता पर बहुत कुछ निर्भर कर रही है, क्योंकि वे आने वाले वर्षों में 1 लाख से ज्यादा यूनिट्स बेचने की तैयारी कर रहे हैं।
ओला इलेक्ट्रिक के मार्केट शेयर में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है और सितंबर में यह गिरकर 27 प्रतिशत हो गया है। इसकी वजह दोपहिया ईवी क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा का बढ़ना और कंपनी के ईवी स्कूटर में लगातार ग्राहकों को समस्या का सामना करना है।
एमजी (मॉरिस गैरेज) हेक्टर भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में एक लोकप्रिय एसयूवी के रूप में उभरी है
ओला इलेक्ट्रिक के शेयर की कीमत में सोमवार को 4 प्रतिशत तक की बड़ी गिरावट देखने को मिली। इस कारण से शेयर के दाम लिस्टिंग के बाद पहली बार 100 रुपये के नीचे पहुंच गए।
मारुति सुजुकी की स्विफ्ट नेक्सा कार भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार में अपने स्टाइलिश डिजाइन और बेहतरीन परफॉरमेंस के लिए जानी जाती है। यह कार न सिर्फ युवाओं के बीच बल्कि फैमिली सेगमेंट में भी बेहद लोकप्रिय है। स्विफ्ट नेक्सा ने अपनी अनूठी डिजाइन, शानदार फीचर्स और किफायती कीमत के साथ भारतीय ग्राहकों को आकर्षित किया है। आइए, इसके कुछ प्रमुख फीचर्स और इसकी परफॉरमेंस पर एक नजर डालते हैं।
अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर में हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर में खराबी को लेकर चर्चाओं में बनी हुई ओला इलेक्ट्रिक के शेयर में लगातार गिरावट देखी जा रही है। बीते एक हफ्ते में शेयर में आठ प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट देखी गई है और शुक्रवार के कारोबारी सत्र में शेयर का दाम गिरकर 101 रुपये के स्तर पर पहुंच गया था।
दक्षिण कोरिया की प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनियां हुंडई मोटर और किआ ने गुरुवार को एक संयुक्त परियोजना की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए लिथियम आयरन फॉस्फेट (एलएफपी) बैटरियों के उत्पादन के लिए कैथोड मटेरियल टेक्नोलॉजी विकसित करना है।
होंडा मोटर्स को सोमवार को 76 वर्ष पूरे हो चुके हैं। कंपनी की स्थापना संस्थापक होंडा सोइचिरो की। ऑटोमोबाइल कारोबार शुरू करने का आइडिया उन्हें 1946 में इंपीरियल आर्मी द्वारा वायरलेस रेडियो को पावर देने वाले इंजन को साइकिल में फिट करने से आया।
केंद्रीय कैबिनेट की ओर से देश में इलेक्ट्रिक वाहनों का चलन बढ़ाने के लिए हाल ही में मंजूर की गई पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) योजना में स्थानीय स्तर पर ईवी उपकरणों की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाने के लिए एक प्रोग्राम होगा।
केंद्र सरकार की अनुकूल नीतियों के कारण देश में तेजी से लग्जरी वाहनों की मैन्युफैक्चरिंग बढ़ रही है, जिसके कारण भारत के ऑटोसेक्टर में निवेश भी बढ़ रहा है।
जर्मनी की लग्जरी कार कंपनी मर्सिडीज-बेंज की ओर से हाल ही में लॉन्च की गई ईक्यूएस एसयूवी उत्पादन भारत में भी किया जाएगा। अमेरिका के बाद भारत दूसरा ऐसा देश है, जहां पर इस लग्जरी इलेक्ट्रिक एसयूवी की असेंबलिंग की जाएगी। इस लग्जरी ईवी की कीमत 1.41 करोड़ रुपये है।
आज के समय में दुर्घटना-रोधी प्रौद्योगिकी यानी एडवांस ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (ADAS) से लैस कारों की मांग तेजी से बढ़ रही है। ये तकनीकें न केवल दुर्घटनाओं को रोकने में मदद करती हैं, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करती हैं। यहां चार प्रमुख कारें हैं जो दुर्घटना-रोधी प्रौद्योगिकी में अग्रणी मानी जाती हैं।
अमेरिकी वाहन निर्माता फोर्ड मोटर भारत में वापसी कर रही है। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कंपनी चेन्नई में अपने विनिर्माण संयंत्र को फिर से चालू करेगी। साथ ही 2,500-3,000 अतिरिक्त कर्मचारियों की भर्ती भी करेगी। शुक्रवार को इसकी आधिकारिक घोषणा की गई।
इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के मुताबिक भारत की घरेलू ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री वित्त वर्ष 24 में 20 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2047 तक 1.6 ट्रिलियन डॉलर ( 134 लाख करोड़ रुपये) तक पहुंच सकती है। ऑटो इंडस्ट्री के तेजी से बढ़ने की वजह इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के चलन में इजाफा बताया जा रहा है।
देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) का चलन आने वाले समय में बढ़ेगा। इस कारण अगले दो वर्षों में ईवी की लागत पेट्रोल और डीजल वाहनों के बराबर आ जाएगी। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की ओर से सोमवार को यह बयान दिया गया।
फोर्ड, अपनी विश्वसनीयता और बेहतरीन इंजीनियरिंग के लिए जानी जाती है, जिसने ऑटोमोबाइल उद्योग में एक खास जगह बनाई है।
टोयोटा, दुनिया की सबसे विश्वसनीय और लोकप्रिय ऑटोमोबाइल कंपनियों में से एक है, जो अपनी गुणवत्ता, मजबूती और टिकाऊ कारों के लिए जानी जाती है।