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भारत बना ऑटो एक्सपोर्ट का नया हब, FY25 में 53 लाख से ज्यादा वाहनों का निर्यात

भारत बना ऑटो एक्सपोर्ट का नया हब, FY25 में 53 लाख से ज्यादा वाहनों का निर्यात

भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर ने एक बार फिर वैश्विक स्तर पर अपनी मजबूती का प्रमाण दिया है। वित्त वर्ष 2024-25 में देश से कुल 53.63 लाख वाहनों का निर्यात हुआ, जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में लगभग 19% अधिक है। यह जानकारी ऑटो इंडस्ट्री की प्रमुख संस्था सियाम (SIAM) ने साझा की है। सबसे बड़ा योगदान पैसेंजर व्हीकल्स से रहा, जिनका एक्सपोर्ट 15% की बढ़त के साथ 7.7 लाख यूनिट्स तक पहुंच गया। खास बात यह रही कि इनमें से 3.62 लाख यूटिलिटी व्हीकल्स (SUVs) थीं, जिनकी अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मांग में जबरदस्त 54% की वृद्धि दर्ज की गई है। यह ट्रेंड इस ओर इशारा करता है कि भारतीय निर्मित एसयूवी अब दुनियाभर में पसंद की जा रही हैं। टू-व्हीलर सेगमेंट की बात करें तो भारत में बने बाइक्स और स्कूटर्स की विदेशों में लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। FY25 में 41.98 लाख दोपहिया वाहनों का निर्यात हुआ, जो कि साल दर साल 21% की ग्रोथ को दर्शाता है। अफ्रीका और लैटिन अमेरिका जैसे नए बाजारों में भारत की मैन्युफैक्चरिंग क्वालिटी और किफायती कीमतें इसकी प्रमुख वजह मानी जा रही हैं। थ्री-व्हीलर कैटेगरी में भी हल्की लेकिन स्थिर बढ़त देखने को मिली है। बीते वित्त वर्ष में लगभग 3.1 लाख थ्री-व्हीलर गाड़ियाँ विदेश भेजी गईं, जो FY24 की तुलना में 2% अधिक है। वहीं कमर्शियल व्हीकल्स सेगमेंट ने भी दमदार प्रदर्शन किया है। FY25 में भारत से 80,986 यूनिट्स का निर्यात हुआ, जो कि पिछले साल के मुकाबले 23% अधिक है। SIAM के प्रेसिडेंट शैलेश चंद्रा ने इस उपलब्धि पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "भारत की वाहन एक्सपोर्ट ग्रोथ यह दिखाती है कि अब हम सिर्फ सस्ती गाड़ियाँ नहीं बना रहे, बल्कि क्वालिटी और टेक्नोलॉजी के मामले में भी हमारी पकड़ मजबूत हो रही है। खासकर पैसेंजर व्हीकल्स और टू-व्हीलर सेगमेंट में यह रिकवरी बेहद सराहनीय है।"

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