दो-पहिया उद्योग की वृद्धि में तेजी, FY26 में प्री-कोविड स्तर की ओर बढ़ेगा सेगमेंट

भारत का दो-पहिया वाहन उद्योग कोविड-19 के बाद अब तेज़ी से सुधार की दिशा में बढ़ रहा है। 2025 में ग्रामीण मांग में वृद्धि, उपभोक्ता विश्वास में सुधार और सस्ती वित्तीय योजनाओं के चलते यह सेगमेंट अपने पहले के उच्चतम स्तर की ओर बढ़ने की दिशा में है। SIAM के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, FY25 में इस क्षेत्र ने 9.1% की वृद्धि दर्ज की, और आगामी वित्तीय वर्ष 2026 में यह प्री-कोविड FY19 के रिकॉर्ड को छूने की संभावना जताई जा रही है। इलेक्ट्रिक दो-पहिया वाहनों की बढ़ती लोकप्रियता और सरकार के प्रोत्साहन से यह उद्योग और भी मजबूत हो सकता है। भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग की शीर्ष संस्था, SIAM (सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स) के अनुसार, FY25 में दो-पहिया वाहनों की बिक्री में 9.1% की सालाना वृद्धि दर्ज की गई और कुल 1,96,07,332 यूनिट्स की बिक्री हुई। इसमें स्कूटरों की बिक्री में 17.4% की बढ़ोत्तरी हुई, जो 68,53,214 यूनिट्स तक पहुंची। वहीं, मोटरसाइकिलों की बिक्री में 5.1% का इज़ाफा हुआ, जो 1,22,52,305 यूनिट्स तक पहुंची। मोपेड्स की बिक्री में भी 4.2% की वृद्धि हुई, जो 5,01,813 यूनिट्स रही। इलेक्ट्रिक दो-पहिया वाहनों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया और FY25 में कुल थोक बिक्री में इनकी हिस्सेदारी 6% से अधिक रही। यह दर्शाता है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में लगातार वृद्धि हो रही है, जो भारतीय बाजार में नए परिवर्तन को जन्म दे रही है। SIAM के अधिकारियों ने बताया, “ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ी हुई मांग और उपभोक्ता विश्वास का वापस लौटना इस सेगमेंट की वृद्धि में सहायक रहा है। विशेष रूप से स्कूटर सेगमेंट में बेहतर कनेक्टिविटी और नए मॉडलों की उपलब्धता ने वृद्धि को गति दी है।” FY19 में भारत में दो-पहिया वाहनों की बिक्री का रिकॉर्ड 2,11,79,847 यूनिट्स था, और अब विशेषज्ञों का मानना है कि FY26 तक यह फिर से हासिल किया जा सकता है। आने वाले समय में वृद्धि की संभावना विशेषज्ञों का कहना है कि FY26 में दो-पहिया सेगमेंट में FY25 की गति और वृद्धि जारी रहेगी, और नई श्रेणियों में भी डबल डिजिट वृद्धि देखने को मिल सकती है। इसके अलावा, सरकार द्वारा उठाए गए नए आयकर सुधारों से शहरी क्षेत्रों में प्रीमियम दो-पहिया वाहनों की मांग में बढ़ोतरी हो सकती है। साथ ही, सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन देने से इस क्षेत्र में और अधिक उछाल देखने को मिलेगा। ईंधन की बढ़ती कीमतों और आपूर्ति श्रृंखला में होने वाली समस्याओं के बावजूद, विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी वर्षों में दो-पहिया वाहन उद्योग में सकारात्मक वृद्धि देखने को मिलेगी। प्रमुख ऑटोमोटिव कंपनियां जैसे होंडा, सुजुकी, हीरो, और टीवीएस नए इलेक्ट्रिक वाहनों के लॉन्च के साथ इस सेगमेंट को और भी सशक्त बनाने की योजना बना रही हैं। इसके अलावा, नए स्टार्टअप्स जैसे ओला, एथर, और अल्ट्रावायलेट भी इलेक्ट्रिक दो-पहिया वाहनों के नए मॉडल लॉन्च करेंगे, जो बाजार में और अधिक विकल्प प्रदान करेंगे। हालाँकि, इस विकास के दौरान उच्च ईंधन कीमतों और आपूर्ति श्रृंखला में आ रही रुकावटों जैसी चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, अगले कुछ वर्षों में इस उद्योग को कुछ परेशानियों का सामना भी हो सकता है। हालांकि, दो-पहिया सेगमेंट के विकास में कुछ चुनौतियां भी मौजूद हैं, जैसे कि उच्च ईंधन मूल्य और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान। विशेषज्ञों का कहना है कि इन कारकों का ध्यान रखना आवश्यक होगा ताकि वृद्धि की गति बनी रहे।