घरेलू उत्पादन में मर्सिडीज ने हासिल किया मील का पत्थर, 2 लाख यूनिट्स का निर्माण

भारत में मर्सिडीज़-बेंज़ ने उत्पादन का एक अहम पड़ाव पार कर लिया है। कंपनी ने देश में 2 लाख यूनिट्स के निर्माण का मील का पत्थर हासिल किया है। यह उपलब्धि न केवल मर्सिडीज़-बेंज़ की भारत में बढ़ती मांग को दर्शाती है, बल्कि देश में लग्ज़री कार सेगमेंट की मजबूती को भी रेखांकित करती है। कंपनी ने अपने स्थानीय उत्पादन को लगातार बेहतर बनाते हुए इस मुकाम तक पहुंचने में सफलता पाई है। मर्सिडीज-बेंज भारत में 200,000 पैसेंजर व्हीकल को लोकली असेंबल करने वाला पहला लग्जरी कार ब्रांड बन गया। यह उपलब्धि मर्सिडीज की इलेक्ट्रिक फ्लैगशिप EQS SUV को उसके चाकन प्लांट (पुणे, महाराष्ट्र में) से रोल आउट करने के साथ हासिल हुई। कंपनी को पहली 50,000 यूनिट को असेंबल करने में 19 साल (1995-2014) लगे। वहीं, बाकी 150,000 यूनिट को असेंबल करने में सिर्फ एक दशक (2015-2025) का समय लगा। यानी कि कार के प्रोडक्शन में 470 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई। मर्सिडीज-बेंज ग्रुप एजी के प्रबंधन बोर्ड के सदस्य डॉ. जॉर्ग बर्जर ने ईक्यूएस एसयूवी को पेश करते हुए कहा, "मर्सिडीज की यह उपलब्धि लॉन्ग रन में भारत के मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की कैपेसिटी को दिखाता है।।" वहीं, मर्सिडीज इंडिया के एमडी और सीईओ संतोष अय्यर ने कहा, "हम अपनी अत्याधुनिक विनिर्माण सुविधा में निवेश करते रहेंगे जो बढ़ती बाजार मांग को पूरा करेगी।" बता दें कि मर्सिडीज-बेंज ने FY2025 के दौरान देश में 18,928 कारें बेचीं। इस दौरान कंपनी की कार बिक्री में सालाना आधार पर 4 पर्सेंट की बढ़ोतरी देखी गई। मर्सिडीज के अनुसार, यह एक वित्तीय वर्ष में कंपनी की अब तक की सबसे अधिक बिक्री थी जिसमें नई ई-क्लास LWB सबसे अधिक बिकने वाली कार रही।
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